नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
हिम्मत करने वालो की हार नहीं होती |
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में, साहस भरता है
चढ़ कर गिरना, गिर कर चढ़ना, नाहक जाता है
आखिर, उसकी मेहनत बेकार नही होती
कोशिश करने वालो की हार नही होती |
डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर लगाता है
जा-जाकर खाली हाथ लौट आता है
मिलते ना सहज-ही, मोती पानी में
बहता दूना उत्साह, इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली, हर बार नही होती
हिम्मत करने वालो की हार नहीं होती |
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गयी थी, देखो, और सुधार करो
जब तक ना सफल हो, नींद चैन की त्यागो तुम
संघर्षो का मैदान छोड़, मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय-जयकार नही होती
हिम्मत करने वालो की हार नहीं होती |
courtesy - Maine gandhi ko nahi maara
This is another one of the famous poems by Harivansh Rai 'Bachhan' ji
sahi kaha boss
ReplyDeletehttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
yeah thats true , untill and unless we will not try , its impossible for us to achieve something !
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