सत्यगीत
अंगुलिमाल ने देखा है | जीवन का सत्य परखा है |
थे तैयार सब, बनने पुण्यभागि | पाप, केवल अपना है |
दर्द, साथी सच्चा है | दुःख ही बस अपना है |
धन से अन्न पे अधिकार नहीं |
अन्न सबका है | भूख अपनी है, पेट अपना है |
दर्द, साथी सच्चा है | दुःख ही बस अपना है |
प्रेम डगर, नगर नगर | हर तरफ, हर प्रहर |
प्रेम वेम सब धोखा है | धोखा, केवल अपना है |
दर्द, साथी सच्चा है | दुःख ही बस अपना है |
समय बेचकर पैसे लेता हूँ |
समय पैसे पे अधिकार नहीं | नींद अपनी है, चैन अपना है |
दर्द, साथी सच्चा है | दुःख ही बस अपना है |
मात पिता, संतान सुधा | आधा आधा, जीवन साधा |
मेरे जीवन पे अधिकार सबका | बुढ़ापा, केवल अपना है |
दर्द, साथी सच्चा है | दुःख ही बस अपना है |
हँसना रोना जागना सोना | काया का माया का होना |
अच्छी काया सब मिल भोगेंगे | रोग, केवल अपना है |
दर्द, साथी सच्चा है | दुःख ही बस अपना है |
बचपन यौवन और बुढ़ापा | सबने है जीवन को मापा |
जीवन एक घटना है | मृत्यु, केवल अपना है |
दर्द, साथी सच्चा है | दुःख ही बस अपना है |
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