बृहदारण्यकोपनिषद् में मंत्र है, जिसे पवमान मन्त्र या पवमान अभयारोह मन्त्र कहा जाता है।
- ॐ असतो मा सद्गमय।
- तमसो मा ज्योतिर्गमय।
- मृत्योर्माऽमृतं गमय।
- ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥
बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28।
इसका अर्थ है, मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो। मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥
यह मन्त्र मूलतः सोम यज्ञ की स्तुति में यजमान द्वारा गाया जाता था। आज यह सर्वाधिक लोकप्रिय मंत्रों में है, जिसे प्रार्थना की तरह दुहराया जाता है।
No comments:
Post a Comment
Please feel free to provide feedback, if any ..