Tuesday, July 23, 2024

Shanti Mantra शान्ति मन्त्र



शान्ति मन्त्र

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षं शान्ति:
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वेदेवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:
सर्वं शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति: सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

यजुर्वेद के इस शांति पाठ मंत्र में सृष्टि के समस्त तत्वों व कारकों से शांति बनाये रखने की प्रार्थना करता है।
इसमें यह गया है कि द्युलोक में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो, पृथ्वी पर शांति हों, जल में शांति हो, औषध में शांति हो, वनस्पतियों में शांति हो, विश्व में शांति हो, सभी देवतागणों में शांति हो, ब्रह्म में शांति हो, सब में शांति हो, चारों और शांति हो, शांति हो, शांति हो, शांति हो।

ॐ द्यौः शांतिरन्तरिक्षं शान्तिः
पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः ।
वनस्पतयः शांतिर्विश्वेदेवः शांतिर्ब्रह्म शांतिः
सर्वं शांतिः शांतिरेव शांतिः सा मारे शांतिरेधि ॥
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॥
ॐ द्यौः शान्तिर-अन्तरिक्षसं शान्तिः
पृथ्वीः शान्तिः-आपः शान्तिः-ओससाध्यः शान्तिः |
वनस्पतयः शान्तिर-विश्वेदेवः शान्तिर-ब्रह्म शान्तिः
सर्वम् शान्तिः शान्तिर-एव शान्तिः सा माँ शान्तिर-एधि |
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ||

अर्थ:
1: ओम , शांति आकाश में है; शांति अंतरिक्ष में है(पृथ्वी और आकाश के बीच);
2: शांति पृथ्वी में है; शांति जल में है; शांति पेड़- पौधों में है;
3: शांति वृक्षों में है; शांति देवताओं में है(जो प्रकृति के विभिन्न तत्वों के अधिष्ठाता हैं); शांति ब्रह्म (परम चेतना)में है
; 4: शांति शांति सर्वत्र व्याप्त है; शांति ही (जो बाहर है) शांति में है (जो भीतर है); आप उस शांति में (स्थित) रहें (और अपना जीवन पूर्ण बनाएं); ५:  , शांति , शांति , शांति ।नोट: क्लिक करें प्रत्येक संस्कृत शब्द पर अर्थ जानने के लिए क्लिक करें। अर्थ को नई विंडो में खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें ग्रीनमेसग द्वारा अनुवादित



Shanti Path Mantra

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

Om dyauh shanti rantariksham shantih
Prithvi shantirapah shantih
Oshadhayah shantih Vanaspatayah shantih
Vishvedevaah shantih Brahma shantih
Sarvam shantih Shantireva shantih
Saamaa shantiredhih
Om shaantih, shaantih, shaantih!

Translation of the Mantra

शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में
सकल विश्व में अवचेतन में!
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन में, नगर, ग्राम में और भवन में
जीवमात्र के तन में, मन में और जगत के हो कण कण में
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

May peace radiate there in the whole sky as well as in the vast ethereal space everywhere.
May peace reign all over this earth, in water and in all herbs, trees and creepers.
May peace flow over the whole universe.
May peace be in the Supreme Being Brahman.
And may there always exist in all peace and peace alone.
Om Shanti, Shanti, Shanti to us and all beings!

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