Wednesday, July 24, 2024

Sachchidanand rupay viswotpatyadigetve taaptray vinashay Shree Krishnaye vayam numah detailed meaning सच्चिदानन्दरूपाय श्लोक का अर्थ और व्याख्या


सच्चिदानन्दरूपाय श्लोक का अर्थ और व्याख्या

सच्चिदानन्दरूपाय विश्वोत्पत्ति हेतवे ।  

तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः ॥१॥ 


मूल अर्थ -

    सत् चित् और आनन्द स्वरूप वाले, विश्व की उत्पत्ति, स्थिति और संहार के कारण एवं तीनों तापों के नाशक श्रीकृष्ण को हम प्रणाम करते हैं । 

व्याख्या - 

   "सच्चिदानन्दरूपाय" श्लोक श्रीमद्भागवत महापुराण के माहात्म्य जोकि पद्मपुराण से लिया गया है, का मङ्गलाचरण है । हालांकि मूल पद्मपुराण में यह श्लोक प्राप्त नहीं होता है परन्तु भागवत माहात्म्य में यह प्रथम श्लोक के रूप में परिगणित किया गया है। 

  प्रस्तुत श्लोक में श्रीकृष्ण भगवान के स्वरूप, सामर्थ्य और स्वभाव  का वर्णन किया गया है। 

भगवान के स्वरूप का वर्णन

  इस सृष्टि नें दो वस्तुएँ ऐसी हैं जिनके बिना संसार का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है । वह है नाम और रूप। किसी भी वस्तु का एक रूप होता है तदनुसार उसका नाम। जैसे - गलकम्बल युक्त पिण्ड विशेष को गौ या गाय की संज्ञा दी जाती है। यहाँ पर गलकम्बल युक्त पिण्ड उस गाय का स्वरूप है तथा गौ उसका नाम । यदि इस गाय का रूप और नाम निकाल दिया जाय तो कुछ भी शेष नहीं रह जाता है। इसी प्रकार संसार में किसी भी पदार्थ से नाम और रूप का साक्षात् सम्बन्ध होता है । 

   आज व्यास जी ने भी रूपाश्रित होकर भगवान श्रीकृष्ण के रूप का सर्वप्रथम वर्णन किया - सच्चिदानन्दरूपाय कहकर। भगवान का स्वरूप कैसा है - सच्चिदानन्द।

   सच्चिदानन्द में तीन पद हैं - सत्, चित् और आनन्द

सत् किसे कहते हैं ?

   सत् अर्थात् सत्य की परिभाषा आचार्य शङ्कर जी करते हैं कि - 

  यद्रूपेण यन्निश्चितं तद्रूपं न व्यभिचरति तत् सत्यम्।

   अर्थात् जो जिस रूप में है ुउसमें कभी कोई विकार न आये और त्रिकालाबाधित रहे वह सत् या सत्य है

सत्य की एक और परिभाषा है - 

     सत्यं यथार्थ भाषणम् । 

 यथार्थ भाषण अर्थात् जो जैसा है उसमें बिना कुछ जोड़े वास्तविक वचन कहना ही सत्य है।

ईश्वर का रूप त्रिकालाबाधित होने के कारण ही सत् है । यह ईश्वर के रूप की प्रथम विशेषता है।

चित् किसे कहते हैं ?

  चित् - चैतन्य अर्थात् ज्ञान । वह ईश्वर ज्ञानवान् और चैतन्य भी है। किसी भी वस्तु को बनाने के लिए पदार्थ और ज्ञान या चैतन्यता की आवश्यकता होती है। बिना ज्ञान के किसी भी वस्तु का निर्माण असम्भव है। एक मकड़ी जाले का निर्माण करती है तो वह उसके निर्माण हेतु अन्यत्र से रुई आदि पदार्थ नहीं लेकर आती है । अपने मुख से ही तन्तु को निकालकर जाला बुनती है। तथापि जाले का निर्माण चैतन्यता या ज्ञान के बिना नहीं हो सकता है। मृत मकड़ी जाले का निर्माण नहीं कर सकती है। इसी प्रकार हम अपने सामने संसार को देखकर यह अवश्य अनुमान कर सकते हैं कि इसकी रचना किसी ज्ञानवान् चैैतन्य के द्वारा हुई है। अतः ईश्वर चित् अर्थात् चैतन्य और ज्ञानवान् है, यह उसकी दूसरी विशेषता है।

आनन्द किसे कहते हैं ?

  जिसे प्राप्त करने के बाद कुछ पाना शेष नहीं रह जाता, उस वस्तु का नाम है आनन्द । कोई भी प्राणी किसी भी कार्य का सम्पादन उसी आनन्द को प्राप्त करने के लिए करता है परन्तु जड़ वस्तुओं से मोह कर उस आनन्द को भूल बैठता है। जब जीव की समस्त इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं या खत्म हो जाती हैं तब वह आनन्द का अनुभव करता है। जब कभी मनुष्य शान्त होकर एकान्त में बिना कुछ सोचे बैठता है तब उसका आनन्द प्रकट होने लगता है।

    क्योंकि ईश्वर माया से प्रभावित नहीं होता अतः वह सर्वदा अपने आनन्द स्वरूप में तटस्थ रहता है और माया के बन्धन में बँध जाता है अतः इसका आनन्द छुपता रहता है। परमात्मा सदैव आनन्दित रहता है अतः वह आनन्दस्वरूप कहा गया है। इसीलिए कहा है

जो आनन्द सिन्धु सुख रासी।

सीकर ते त्रैलोक सुपासी ॥

वह ईश्वर आनन्द का सागर है, जिसके आनन्द की एक बूँद से त्रैलोक्य आनन्द से परिपूर्ण पो जाता है। 

भगवान का सामर्थ्य

  विश्वोत्पत्याऽऽदिहेतवे - वह परमात्मा इतना सामर्थ्यवान् है कि प्रकृति के दर्शन मात्र से एक ही क्षण में करोड़ों ब्रह्माण्डों को प्रकट कर देता है, कृपादृष्टि मात्र से इतनी विशाल सृष्टि का पालन हो जाता है तथा भृकुटि के टेढ़ी करने पर इस अनन्त सृष्टि का संहार हो जाता है, यही ईश्वर का सामर्थ्य है । इसलिए कहा जाता है -

भृकुटि विलास सृष्टि लय होई ।। 

भगवान का स्वभाव

तापत्रयविनाशाय - तीनों तापों के नाशक । इस सृष्टि के उत्पन्न होने के साथ ही तीन शूलों की उत्पत्ति हुई । ये तीन शूल ही तीन प्रकार के दुःख हैं । संसार में तीन प्रकार के दुःख होते हैं

१. आधिदैविक, जो देवों द्वारा प्रदत्त आपदाएं हैं जैसे - आंधी, तूफान, बाढ़, सूखा आदि। 

२. आधिभौतिक, जो चार प्रकार के प्राणियों से दुःख प्राप्त होता है । इस संसार में चार प्रकार के प्राणी पाये जाते हैं - 

 अ) अण्डज - अण्डे से उत्पन्न जैसे - सर्प, पक्षी आदि । 

  ब) पिण्डज - पिण्ड रूप में उत्पन्न, जैसे - मनुष्य, जानवर आदि। 

  स) श्वेदज - पसीने से उत्पन्न, जैसे - जूं, लीखें आदि। 

  द) उद्भिज्ज - पृथ्वी से उत्पन्न, जैसे - वृक्ष आदि। 

   इन्हीं चार प्रकार के प्राणियों से प्राप्त दुःख आधिभौतिक दुःख कहा जाता है। 

३. आध्यात्मिक दुःख, जिसे मानसिक दुःख कहा जाता है। चिंता, ग्लानि, शोक, रोगादि इस दुःख के अन्तर्गत आते हैं। 

 अपने प्रपन्न लोगों के इन तीनों तापों को कृपा वश वह ईश्वर नष्ट कर देता है, यह इनका स्वभाव है। 

ऐसे दिव्य स्वरूप, सामर्थ्य और स्वभाव वाले परमात्मा श्रीकृष्ण को हम सब प्रणाम करते हैं । 

श्रीकृष्णाय वयं नुमः

  अपने आश्रम में बैठे व्यास जी अकेले थे, ईश्वर का आराधन करते हुए सिर झुकाया तब भी अकेले थे, परन्तु जैसे ही आंखें खोलीं एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत हुआ । उन्होंने देखा कि केवल वही ईश्वर को प्रणाम नहीं कर रहे, सारी सृष्टि उस ईश्वर को नमस्कार कर रही है । इसलिए व्यास जी ने यहाँ श्रीकृष्णाय वयं नुमः यह बहुवचनान्त प्रयोग किया । 

नोट —

  कुछ विद्वानों के मत में प्रयुक्त श्री शब्द राधा जी का वाचक है अतः प्रस्तुत श्लोक में राधा और कृष्ण दोनों को एक साथ प्रणाम किया है । 

 कुछ विद्वानों के अनुसार श्री शब्द सम्मान सूचक है अतः सम्मान या आदरभाव दिखाने हेतु श्री शब्द का प्रयोग किया गया है ।


Tuesday, July 23, 2024

Om Asto ma sadagamaya mantra ॐ असतो मा सद्गमय मंत्र

बृहदारण्यकोपनिषद् में मंत्र है, जिसे पवमान मन्त्र या पवमान अभयारोह मन्त्र कहा जाता है।

ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्माऽमृतं गमय।
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28।

इसका अर्थ है, मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो। मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥

यह मन्त्र मूलतः सोम यज्ञ की स्तुति में यजमान द्वारा गाया जाता था। आज यह सर्वाधिक लोकप्रिय मंत्रों में है, जिसे प्रार्थना की तरह दुहराया जाता है।

Shanti Mantra शान्ति मन्त्र



शान्ति मन्त्र

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षं शान्ति:
पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वेदेवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:
सर्वं शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति: सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

यजुर्वेद के इस शांति पाठ मंत्र में सृष्टि के समस्त तत्वों व कारकों से शांति बनाये रखने की प्रार्थना करता है।
इसमें यह गया है कि द्युलोक में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो, पृथ्वी पर शांति हों, जल में शांति हो, औषध में शांति हो, वनस्पतियों में शांति हो, विश्व में शांति हो, सभी देवतागणों में शांति हो, ब्रह्म में शांति हो, सब में शांति हो, चारों और शांति हो, शांति हो, शांति हो, शांति हो।

ॐ द्यौः शांतिरन्तरिक्षं शान्तिः
पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः ।
वनस्पतयः शांतिर्विश्वेदेवः शांतिर्ब्रह्म शांतिः
सर्वं शांतिः शांतिरेव शांतिः सा मारे शांतिरेधि ॥
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ॥
ॐ द्यौः शान्तिर-अन्तरिक्षसं शान्तिः
पृथ्वीः शान्तिः-आपः शान्तिः-ओससाध्यः शान्तिः |
वनस्पतयः शान्तिर-विश्वेदेवः शान्तिर-ब्रह्म शान्तिः
सर्वम् शान्तिः शान्तिर-एव शान्तिः सा माँ शान्तिर-एधि |
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ||

अर्थ:
1: ओम , शांति आकाश में है; शांति अंतरिक्ष में है(पृथ्वी और आकाश के बीच);
2: शांति पृथ्वी में है; शांति जल में है; शांति पेड़- पौधों में है;
3: शांति वृक्षों में है; शांति देवताओं में है(जो प्रकृति के विभिन्न तत्वों के अधिष्ठाता हैं); शांति ब्रह्म (परम चेतना)में है
; 4: शांति शांति सर्वत्र व्याप्त है; शांति ही (जो बाहर है) शांति में है (जो भीतर है); आप उस शांति में (स्थित) रहें (और अपना जीवन पूर्ण बनाएं); ५:  , शांति , शांति , शांति ।नोट: क्लिक करें प्रत्येक संस्कृत शब्द पर अर्थ जानने के लिए क्लिक करें। अर्थ को नई विंडो में खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें ग्रीनमेसग द्वारा अनुवादित



Shanti Path Mantra

ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

Om dyauh shanti rantariksham shantih
Prithvi shantirapah shantih
Oshadhayah shantih Vanaspatayah shantih
Vishvedevaah shantih Brahma shantih
Sarvam shantih Shantireva shantih
Saamaa shantiredhih
Om shaantih, shaantih, shaantih!

Translation of the Mantra

शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में
सकल विश्व में अवचेतन में!
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन में, नगर, ग्राम में और भवन में
जीवमात्र के तन में, मन में और जगत के हो कण कण में
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

May peace radiate there in the whole sky as well as in the vast ethereal space everywhere.
May peace reign all over this earth, in water and in all herbs, trees and creepers.
May peace flow over the whole universe.
May peace be in the Supreme Being Brahman.
And may there always exist in all peace and peace alone.
Om Shanti, Shanti, Shanti to us and all beings!

Bhojan Mantra Rigveda भोजन मंत्र (ऋग्वेद)

 

भोजन मंत्र (ऋग्वेद)

3म्  अन्नपते  अन्नस्य  नो  देह्यनमीवस्य  शुष्मिणः

प्र  प्रदातारं  तारिष:  ऊर्ज्जं  नो  धेहि  द्विपदे  चतुष्पदे

3म्   स्वादो  पितो  मधो  पितो  वयं  तवा  वव्र्महे | अस्माकमविता  भव ||

मोघमन्नं  विन्दते  अप्रचेताः |  सत्यं  ब्रवीमि  वध  इत्स  तस्य

नार्यमणं  पुष्यति  नो  सखायं |  केवलाघो  भवति  केवलादी

3म्  शान्तिः  शान्तिः  शान्तिः  ही !

 

 

  

 

3म् अन्नपते अन्नस्य नो देह्यनमीवस्य शुष्मिणः

Om Annapate annasya no dehyana-meevasya shushminah

(May food be beneficial for the body)

 

 

प्र प्रदातारं तारिष: ऊर्ज्जं नो धेहि द्विपदे चतुष्पदे

Pra pradaataaram taarish oorjam no dhehi dvipade chatushpade

(May everyone be blessed with food)

 

3म्  सवादो पितो मधो पितो वयं तवा वव्र्महे | अस्माकमविता भव ||

Om svado pito madho pito vayam tva vavrmahe asmakamavita bhavah

(O giver of food, may you provide us with health and energy)

 

मोघमन्नं विन्दते अप्रचेताः |  सत्यं ब्रवीमि वध इत्स तस्य

Om moghamannam vindate aprachetah satyam bravimi vadha itsa tasya

(The foolish man wins food with fruitless labour that food, I speak the truth shall be his ruin)

 

नार्यमणं पुष्यति नो सखायं |  केवलाघो भवति केवलादी

Naryamanam pusyati no sakhayam. kevalagho bhavati kevaladi

Who feeds no friend no man to love him. All guilt is he who eats alone (So eat together, give and share)

 

3म् शान्तिः शान्तिः शान्तिः ही !

Om Shanti Shanti Shanti hi

 

Monday, July 22, 2024

Om Vasudhare Svaha



"Om Vasudhare Svaha" is a Buddhist money mantra that is a prayer to the earth goddess, Vasudhara. The mantra is said to connect with Vasudhara, whose name translates to "stream of gems" in Sanskrit, and is believed to attract prosperity, overcome financial difficulties, and increase material wealth. It is also said to enrich spiritual lives and cultivate generosity.

मंत्रों की सूची/Mantraas Mentioned in Podcast:- 
ॐ क्लीं ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:। 
ॐ वसुधरे स्वाहा
ॐ श्रीं ॐ


Monday, July 8, 2024

** Gratitude Reflections **

  • If you woke up this morning, embrace the gift of life, for many did not.
  • If you can use your brains for daily tasks, recognize the mercy bestowed upon you. As some are born with autism and face unique challenges.
  • If you can walk and work with your hands, consider yourself blessed. As any cannot use their limbs.
  • If you enjoy good health, express gratitude; as countless people on this planet suffer from illnesses.
  • If you have both parents to bow to, appreciate their presence. There are countless orphans seeking love.
  • If you have a family to care for, cherish them. As loneliness weighs heavily on those without such bonds.
  • If your children sometimes frustrate you, remember that 30% of couples struggle to conceive.
  • If work feels challenging, acknowledge that 70% of people lack employment.
Be thankful to Lords ShyamaShyam & universe; you are part of the rare 2-3% of the global population.

Remember, gratitude transforms ordinary moments into extraordinary blessings. 🙏✨

Sunday, December 10, 2023

12 most persuasive words to use convince and Negotiate

 

1- Please

2- Thank you

3- Request

4- Suggestion

5- May I

6- Let's process this together

7- Let me get back to you

8- Unpack

9- Choose/choices

10- Partnership

11- Discover

12- Explore

Monday, August 14, 2023

नहाने के पानी में किस दिन क्या मिलाये? और उसके फायदे


To gain, combine the following ingredients in your bathing water on the days indicated. 

Day

Things to mix in water

Gains/Benefits

Sun

Red Sandal, Roli

Name, fame, respect

Mon

Raw cow milk

Strong mind, calm mind

Tues

Honey

Courage, Life energy, vigour, tough situations can handle

Wed

Saunf

Communication, intellect, skills

Thurs

Turmeric

Wisdom, girl’s marriage, stable life

Fri

Rose water

Relationship, Abundance, Prosperous, Ostantaneous, Materialistic things, Luxury

Sat

Black sesame – kala til

Remove doshas, buri nazar, rukawatein, removes negative energy, lethargy, laziness, blessings of Shani dev


Sunday, January 29, 2023

ChatGPT. First perspective (Developer view included)

 

Gone are the days of relying on Google and Wikipedia to search information. Say hello to ChatGPT, an AI chatbot that is revolutionising the industry, the newest craze in technology.

 

What is ChatGPT?

ChatGPT is an AI-powered chatbot making waves in the technology world. It is a state-of-the-art language generation model that has been trained on a diverse range of internet text. It can execute a wide range of activities, including answering questions, composing imaginative stories, producing jokes, and much more, with a particular focus on producing text that sounds human.

 

What are key capabilities of ChatGPT?

ü  Conversational AI: ChatGPT is designed to respond to user queries in a conversational manner.

ü  Text generation: It can generate a wide range of text-based content such as summaries, headlines, and stories.

ü  Knowledge base: ChatGPT has a vast knowledge base, allowing it to answer a wide range of questions on various topics.

It's also worth mentioning that ChatGPT is highly customizable and can be fine-tuned to specific use cases, making it a versatile tool for businesses and developers.

 

How does ChatGPT works?

Powered by large amounts of data and advanced computing techniques, ChatGPT can string words together in a meaningful way, making it a language machine with vast vocabulary and encyclopedic knowledge.

At its core, ChatGPT is a language machine that uses statistics, reinforcement learning, and supervised learning to index words, phrases, and sentences. It may not have real "intelligence", but it can answer questions, write articles, summarize information, and more effectively. The more we use ChatGPT, the better it gets at refining answers and avoiding certain types of conversations.

 

How to Use ChatGPT? What's in for me?

With its ability to respond in a human-like manner and constantly learn from user interactions, ChatGPT is a valuable resource for businesses and developers alike.

Developed by OpenAI, ChatGPT is based on GPT-3.5, a language model that was unveiled as a prototype on November 30, 2022. Even though OpenAI has just made ChatGPT available for review and beta testing, developers will be able to integrate the chatbot into their own programmes when API access becomes available, which is anticipated to happen sometime this year.  With the ability to refine answers as more questions are asked, ChatGPT is constantly learning and storing information for others to use. 

The chatbot is currently available for free testing on OpenAI's official website, but users must first create an account. Programmers have begun to use it for writing code snippets, code reviews and fine tuning their code.

Developers

Use it to help you find mistakes in your code. If you have a segment of code that you’re having trouble debugging, you can put that into ChatGPT with information about what you’re expecting versus what’s actually happening. The model may be able to assist you with finding the issue.

Use it to help find edge cases in your code. The model has a lot of computational power so it may be able to generate edge cases for which your code will fail that you might not be able to identify as quickly.

Use it for product ideas. Asking it product related questions can get you a quick list of possible use cases for your software based on other products and ideas it’s been trained on. This usually won’t yield out of the box ideas but it will help you find gaps in your product in comparison to others.

Use it for writing test cases. ChatGPT is competent at writing unit tests and it’s low risk to get test cases from the model, as they will simply fail if they are wrong and will be clearly incorrectly formulated if it’s not testing what it’s supposed to. Also, as unit tests are generally straight forward, the probability that the model will get it right is high, given you enter the format: test component X with the inputs a, b and c and expect the output to be Y.

Use it to get architectural and infrastructure options. When evaluating different strategies for a task you know will require infrastructure changes, it might be useful to ask ChatGPT input. It can give you ideas but don’t fully rely on its answer, it should be no more than a source of inspiration if you’re not sure which way to go.

 

How does it differ from similar programmes like Alexa, Siri, Google Assistant, and others?

The level of performance in GPT-3.5 (latest version), despite the fact that this concept is not new (we've had chatbots for a decade, including Siri, Alexa, Olivia, and more), is astonishing. It responded rather well when I questioned it about things like "what are the best practises for recruiting" or "how do you construct a corporate training programme." Although the answers were somewhat inaccurate and fairly simple, they will undoubtedly improve with usage.

 

Where can I test out ChatGPT?

https://chat.openai.com/chat

 

What are the limitations Of ChatGPT?

The model may produce correct sounding but incorrect answers. That’s because the model itself has no true inherent understanding of code, but rather know what correct code “looks like”. Keep in mind, this is a model trained on data, not an actual software engineer.

Rephrasing can result in quite different results. Being extremely precise in the input prompt is required for the highest probability of the “correct answer”.

Which brings me to another limitation, the “correct answer” might not exist. The answers from ChatGPT is validated by humans without a central source of truth, different people will rank different answers to be the “correct answer”.

You will likely not get the answer you’re looking for from the first question, and you need to continue to converse with the model with improvements and rephrasing to eventually get the answer you’re looking for.

The data it’s been trained on is limited to 2021 data. So usually, the model will be lagging behind the most up to date industry standards, and I produce deprecated code.

 

How NOT To Use ChatGPT?

Now that we understand what ChatGPT is and isn’t, let’s discuss how to absolutely not use it:

Do NOT use it to learn how to code. The code that is generated is not guaranteed to be right. It may be functional, but even if it is functional it might not be the best way to to code. For example: I’ve noticed when I asked it to write React components it uses a general props item and does not explicitly define each property as is industry standard. Also, it does not automatically abstract similar code into functions so the code is usually overly-verbose.

Do NOT use it to generate code that requires a lot of context. If you’re hoping to have the model do your job, I have some bad news for you. It’s impossible to provide the model the context of an entire codebase or product, so if you don’t already have a strong idea of how to approach the task then ChatGPT will realistically not be very helpful.

Do NOT use it for school or university assignments. Aside from the fact that the answer may not be correct, and also that probably other students will use it for the same purpose leading in plagiarism detection, you will not learn. Solving assignments is what made me grow most during my formal education of software engineering. Not the lecture, the assignments are what taught me the most, so if you cheat using ChatGPT you’re simply cheating yourself out of a better career.

 

Further reading:

ChatGPT Blog = https://openai.com/blog/chatgpt/

 

I hope this helps! Let me know if there's anything else you'd like to know.